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नगर निगम झोन कार्यालय में आधार कार्ड से बनवा सकते हैं समग्र आईडी
एसएसएसएम आईडी से जरूरतमंदों को सीधे मिल रहा है शासन की योजनाओं का लाभ
उज्जैन। शासन द्वारा प्रदेश में निवास कर रहे समाज के सबसे कमजोर, निर्धन वर्ग, वृद्ध, नि:शक्तजनों, श्रमिक संवर्ग के साथ-साथ कन्याओं, विधवाओं और परित्यक्त महिला और उन पर आश्रित बच्चों, बीमार सदस्यों को संपूर्ण सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु उनका डाटा समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन पोर्टल पर अपलोड किया गया है।
समग्र आईडी बनवाने के लिये नगर निगम के झोन कार्यालयों में आधार कार्ड से आईडी बनवाई जा सकती है साथ ही परिवार के सदस्यों के नाम बढ़ाना या कम करवाने का काम भी किया जा सकता है।
ऐसे मिलता है लोगों को सीधा लाभ… समग्री आईडी पर जैसे ही नवजात शिशु का जन्म दर्ज होगा प्रसूति सहायता दी जायेगी, उस दिनांक को उसका नाम पोर्टल पर दर्ज हो जाएगा। जैसे ही वह 3 वर्ष की आयु के समीप पहुंचेगा वह आंगनवाड़ी में प्रवेश की सूची के लिए उपलब्ध रहेगा। स्वास्थ्य विभाग के टीकाकरण कार्यक्रम में इसका उपयोग होगा। जैसे ही 5 वर्ष की उम्र में आयेगा उसे स्कूल में प्रवेश के लिये उसका सूची में नाम उपलब्ध रहेगा।
स्कूल में कक्षा 1 से 12वीं तक के स्कूलों में बारबार छात्रवृत्ति के आवेदन पत्र भरने की औपचारिकता से बचेगा, 18 वर्ष से ऊपर की कन्या, जो बी.पी.एल. श्रेणी की है उन्हें विवाह सहायता की सूची में वह उपलब्ध रहेगी। जो हितग्राही गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते हैं और उसकी उम्र 60 वर्ष से अधिक हो वह पेंशन के लिये पात्रता की श्रेणी में आयेगा।
किसी भी परिवार में यदि काम करने वाले पुरुष की मृत्यु होती है और उसके मृत्यु के तुरन्त बाद राष्ट्रीय परिवार सहायता के साथ-साथ उसकी विधवा पत्नी को विधवा पेंशन स्वीकृत होने लगेगी।
यह है समग्र आईडी
सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का क्रियान्वयन विभिन्न विभागों द्वारा किया जा रहा था किंतु किसी भी विभाग के पास उक्त योजनाओं के अंतर्गत पंजीकृत हितग्राहियों का डेटाबेस ऑनलाईन उपलब्ध नहीं था इस कारण विभागों के पास अपने हितग्राहियों की अद्यतन जानकारी उपलब्ध नहीं होने से योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता नहीं थी।
राज्य में श्रमिक संवर्ग, गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों, वृद्धजनों, कन्याओं, विधवाओं, परित्यक्ताओं और नि:शक्तजनों के कल्याण से संबंधित विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है। समग्र सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम वर्ष 2010 में विधानसभा में पारित संकल्प से राज्य एवं केन्द्र शासन द्वारा संचालित योजनाओं की हितग्राहियों तक पहुंच को सरल बनाने का प्रयास हाथ में लिया गया।
श्रम, आदिम जाति कल्याण, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, स्कूल शिक्षा, नगरीय प्रशासन, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंखयक कल्याण एवं कृषि विभाग आदि द्वारा दिये गये सुझावों के आधार पर टास्क फोर्स गठित किये गये जिनमें प्रसूति व्यय सहायता, चिकित्सा सहायता, छात्रवृत्ति एवं शिष्यावृत्ति एवं शिक्षा प्रोत्साहन, पेंशन, विवाह प्रोत्साहन, बीमा एवं अनुग्रह एवं अंत्येष्टि के लिये सहायता हेतु कम्प्यूटरीकृत जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध कराना, हितग्राहियों का डाटाबेस तैयार कर, उनके खातों में ई बैंकिंग के माध्यम से राशि पहुंचाने के लिए एक कार्ड तैयार कर प्रदाय करने का काम किया जाता है।
यह जानकारी उपलब्ध रहती है पोर्टल पर
समग्र पोर्टल पर प्रदेश मे निवासरत समस्त् परिवारों एवं परिवार सदस्यों की संपूर्ण जानकारी जैसे कि नाम, पिता का नाम, जाति, व्यवसाय, शिक्षा, वैवाहिक, वित्तीय स्त्रोत, योजना के हितग्राही, बचत खाता नम्बर, बी. पी. एल., विकलांगता, इत्यादि का डेटा उपलब्ध हैं।